भागलपुर विश्वविद्यालय प्रशासन के एक फैसले के विरोध में छात्र राजद का गुस्सा चरम पर था| दरअसल विश्वविद्यालय प्रशासन ने नियमों की अनदेखी कर डॉ अशोक ठाकुर को कॉलेज इंस्पेक्टर और पीआरओ बना दिया है| इसी बात का छात्र राजद के नेताओं ने विरोध किया साथ ही डॉ अशोक ठाकुर की जमकर पिटाई कर दी| छात्रों का आरोप है कि अशोक ठाकुर इस पद के लाय़क नहीं हैं फिर भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें ऐसे महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त कर दिया है| प्रोफेसर की पिटााई के दौरान पुलिस भी मूकदर्शक बनी रही बाद में किसी तरह उन्हें छात्रों से छुड़ााया गया और थाने ले जाया गया| बाद में उन्हें घर भेज दिया गया|
छात्रों की मानें तो डॉ अशोक ठाकुर पर तीन मामले लंबित हैं| ठाकुर पर केकेएम कॉलेज जमुई में प्रिंसिपल पद पर रहते हुए उनपर पेड़ कटवाने,बीएलएस कॉलेज नवगछिया में नियुक्ती मामले में धांधली, और डीएनएस कॉलेज रजौन की शासी निकाय भंग करने का आरोप है| छात्रों के मुताबिक तीनों मामले कोर्ट में लंबित हैं ऐसे में उन्हें कैसे इतने बड़े पद पर नियुक्त किया जा सकता है| पेड़ काटने के मामले में वो फिलहाल जमानत पर हैं,जबकि शासी निकाय भंग करने के मामले में हाईकोर्ट द्वारा उनके खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया जा चुका है|
छात्रों की मांग है कि जिसपर इतने सारे मामले लंबित हैं उनको कैसे इतने महत्वपूर्ण पद पर बैठाया जा सकता है| छात्र नेताओं का कहना है कि अगर विश्वविद्यालय इस मामले में जिद्दी रवैया अपनाता है तो उनका विरोध जारी रहेगा|
छात्रों का विरोध,नियुक्ति के विरोध में प्रोफेसर की पिटाई
