आज है नवरात्र का पहला दिन, इस तरह करें मां शैलपुत्री की पूजा-आराधना

by Mahima Bhatnagar

नई दिल्ली। “ऊँ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।” आज से नवरात्री का आरंभ हो गया है। माता के दर्शन करने के लिए भक्तों की तांता मंदिरों में लगना शुरू हो गया है। हर तरफ ‘जय माता दी’ के जयकारे सुनाई दे रहे हैं।

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आज मां के पहले रूप शैलपुत्री की पूजा की होती है। मां शैलपुत्री को पर्वतराज हिमालय की पुत्री माना जाता है। इनका वाहन वृषभ है इसलिए इनको वृषारूढ़ा और उमा के नाम से भी जाना जाता है। मां शैलपुत्री की उत्पत्ति शैल से हुई और मां के दाएं हाथ में त्रिशुल धारण कर रखा है, और उनके बाएं हाथ में कमल शोभायमान है।

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मां दुर्गा का किया जाता है आह्वान 

इस दिन कलश स्‍थापना के साथ मां दुर्गा का आह्वान किया जाता है पुराणों में कलश को भगवान गणेश का स्‍वरूप बताया गया है इसलिए कलश की स्थापना पहले ही दिन कर दी जाती है।

मां को पसंद है यह चीजें

मां को सफेद वस्‍त्र और सफेद फूल चढ़ाएं और सफेद बर्फी का भोग। इससे मां प्रसन्न होती है और आपकी हर मनोकामना पूर्ण करती हैं। कुंवारी कन्या अगर उन्हें भोग लगाती हैं, तो उन्हें मनचाहा वर मिलता है।