2020 में कितनी बार लगा देश में लॉकडाउन

by Mahima Bhatnagar
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2020 भारत में कोरोनावायरस महामारी को रोकने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को 21 दिनों के लिए पूरे देश को लॉकडाउन रहने का आदेश दिया। इस निर्णय से पहले 22 मार्च को 14 घंटों के जनता कर्फ्यू किया गया था। 14 अप्रैल सुबह 10 बजे मोदी जी ने देश को संबोधित करते हुए लॉकडाउन की अवधि को आगे बढ़ाकर 3 मई करने का फैसला लिया और कहा कि अगले एक हफ्ते नियम और सख्त होंगे। साथ ही मोदी जी ने कहा कि जहां नए मामले सामने नहीं आएंगे वहाँ कुछ छूट दी जाएगी। 17 मई को गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ाने की घोषणा की। 30 मई को देशभर में लॉकडाउन के पांचवें चरण की घोषणा की गयी।

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जनता कर्फ्यू

जनता कर्फ्यू 22 मार्च (सुबह 7 बजे से 9 बजे तक) को 14 घंटे का कर्फ्यू था। इस दिन “आवश्यक सेवाओं” से जुड़े लोगों या संस्थाओं जैसे पुलिस, चिकित्सा सेवाएं, मीडिया, होम डिलीवरी पेशेवरों और अग्निशामको को छोड़कर प्रत्येक व्यक्ति को कर्फ्यू का पालन करना आवश्यक था। इसी दिन शाम के 5 बजे सभी नागरिकों को अपने दरवाजे, बालकनियों या खिड़कियों पर खड़े होकर “आवश्यक सेवाओं” से जुड़े पेशेवरों के प्रोत्साहन के लिए ताली या घंटी बजाने को कहा गया था। राष्ट्रीय कैडेट कोर और राष्ट्रीय सेवा योजना से संबंधित लोगों को देश में कर्फ्यू लागू करना था। प्रधानमंत्री ने युवाओं से जनता कर्फ्यू के बारे में 10 अन्य लोगों को सूचित करने और सभी को कर्फ्यू का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया था।

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रोक

लॉकडाउन के दौरान लोगों को अपने घरों से बाहर निकलना निषेध किया गया है।सभी परिवहन सेवाओं – सड़क, वायु, और रेल को निलंबित किया गया है हालांकि आग, पुलिस, जरूरी सामान और आपातकालीन सेवाओं का उपयोग किया जा सकेगा। शैक्षिक संस्थानों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों और आतिथ्य सेवाओं को भी निलंबित कर दिया गया। खाद्य दुकानें, बैंक और एटीएम, पेट्रोल पंप, अन्य आवश्यक वस्तुएं और उनके विनिर्माण जैसी सेवाओं को छूट दी गई है। गृह मंत्रालय ने कहा कि जो व्यक्ति लॉकडाउन का पालन नहीं करेंगे उन्हें एक साल तक की जेल भी की जा सकती है।

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लॉकडाउन

देश में जितनी बार लॉकडाउन लगा उतनी बार नए नए नियम तैयार किए गए। जैसे- घर से बाहर निकलने से पहले मास्क लगाना जरूरी है। वाहनों में दूरी बना कर रखे। जितना हो सके दूरी का ध्यान रखें। ताकि कोरोना संक्रमण जितनी तेजी से फैल रहा है उसे रोका जा सके।

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कोरोना वायरस से सम्पूर्ण विश्व में एक आपातकाल जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है। जहाँ एक तरफ भारत में लोग बेरोजगारी से जूझ रहे थे, वही दूसरी तरफ कोरोना वायरस ने सबका रोजगार भी छीन लिया। सबसे अधिक नुकसान तो नुक्कड़ पर चौराहे पर और रोड पर ढेला लगाने वालों को हुआ है। मजदूर बेरोजगारी से तंग आकर अपना जीवन यापन करने के लिए शहर से गांव पैदल ही लौट आये, क्योकि सारे परिवहन यातयात बन्द कर दिए गए थे। गरीब परिवार को नाम मात्र का राशन मिला जिससे वह अपने परिवार का सही से भरण पोषण नही कर सका। कोरोना वायरस गरीबों के लिए एक विपदा बन कर आया, जिसे उन्होंने बड़े मुश्किल से काटा।