राहुल गांधी को पीएम उम्मीदवार घोषित करने से विपक्षी पार्टियों में पड़ सकती है फूट!

by Mahima Bhatnagar
rahul gandhi

नई दिल्ली। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में पीएम पद के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नाम की घोषणा करने पर विपक्षी दलों के बीच बहस छिड़ी हुई है। ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने स्‍टालिन के इस प्रस्‍ताव को जहां असामयिक बताया है वहीं एसपी और बीएसपी ने इस पर पूरी तरह चुप्‍पी साध ली है। टीडीपी ने भी मुद्दे से किनारा कर लिया है।

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नाम न जाहिर करने की शर्त पर टीएमसी के एक सांसद का कहना है, ‘हमारी पार्टी का मानना है कि इस तरह की घोषणाओं से गलत संदेश जा सकता है। पीएम उम्‍मीदवार पर फैसला लोकसभा चुनाव के बाद लिया जाना चाहिए। समय से पहले किए गए किसी भी ऐलान से विपक्षी दलों में फूट पड़ सकती है।’

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अभी ऐंटी बीजेपी मोर्चा बनाने पर पूरा ध्‍यान: टीडीपी

स्‍टालिन जब राहुल गांधी की पीएम उम्‍मीदवारी के संबंध में ऐलान कर रहे थे, उस दौरान मंच पर उपस्थित आंध्र प्रदेश के मुख्‍यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू चुपचाप उन्‍हें देख रहे थे। उनकी पार्टी टीडीपी इस मुद्दे पर एक सुरक्षित दूरी बनाकर रखना चाहती है। पार्टी के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता लंका दिनकर का कहना है, ‘हमारे नेता का पूरा ध्‍यान फिलहाल ऐंटी बीजेपी मोर्चा बनाने पर है। चूंकि डीएमके यूपीए-2 सरकार का भी हिस्‍सा रह चुकी है, ऐसे में राहुल गांधी के संबंध में की गई उनकी घोषणा को हम समझ सकते हैं। हम इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहेंगे क्‍योंकि अभी हमारा फोकस पीएम उम्‍मीदवार पर नहीं है।’

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पहले से नहीं तय था कुछ: डीएमके

दूसरी तरफ, डीएमके नेता एस. दुराईमुरुगन का कहना है कि स्‍टालिन की घोषणा पहले से तय नहीं थी। सबकुछ अचानक से हुआ। पहले तो राहुल गांधी को इस कार्यक्रम में शामिल ही नहीं होना था। निमंत्रण पत्र पर उनका नाम भी नहीं था। यह पूछे जाने पर कि क्‍या स्‍टालिन के इस ऐलान के बारे में यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और राहुल गांधी को जानकारी थी, दुराईमुरुगन ने कहा, ‘उन्‍हें इस बारे में नहीं पता है पर इससे राहुल गांधी के प्रति हमारा विचार जाहिर होता है।’