आज घर-घर विराजे गणपति बप्पा, लोगों ने किया जोरो-शोरो से स्वागत

by Mahima Bhatnagar
ganesh chaturthi

नई दिल्ली। “वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥” गणपति बप्पा मोरया… आज से गणेश चतुर्थी पर्व की शुरुआत हो गई है। भाद्रपद मास की चतुर्थी से चतुर्दर्शी यानि 10 दिनों तक चलने वाले इस गणेश उत्सव के लिए देशभर के तमाम शहरों में पंडाल लगाए जाते हैं। जहां बप्पा को स्थापित किया जाता है। उनकी रोजाना पूजा- अर्चना की जाती है। उन्हें मोदक का भोग लगाया जाता है।

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बप्पा करते हैं मनोकामना पूरी

कहा जाता है बप्पा जहां भी विराजते हैं… वहां पर खुशियां भर देते हैं। इसलिए लोग इन्हें अपने घर पर विराजमान करते हैं। उन्हें तरह-तरह के व्यंजनों का भोग लगाते हैं। सुबह-शाम आरती करते हैं। ताकि जो इच्छा उनके मन में बसी हैं वो बप्पा तक पहुंचे।

क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त

भारतीय शास्त्रानुसार किसी भी शुभ कार्य को रने से पहले गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि सर्वप्रथम गणेश की अराधना करने से शुभ कार्यों में विघ्न या बाधा नहीं आती है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक आज गणेश पूजा का समय सुबह 11.30 बजे से 13.30 बजे तक का है। वहीं, चंद्रमा को न देखने का समय सुबह 9.31 से रात 21.12 तक का है।

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बप्पा को घर लाने से पहले तैयार कर लें ये सामान

आज के दिन भगवान गणेश की प्रतिमा को घर लाना सबसे पवित्र समझा जाता है। जब आप बप्‍पा की मूर्ति को घर लाएं, उससे पहले इन चीजों को तैयार रखें। अगरबत्‍ती और धूप, आरती थाली, सुपारी, पान के पत्‍ते और मूर्ति पर डालने के लिए कपड़ा, चंदन के लिए अलग से कपड़ा और चंदन। गणपति मूर्ति की पूजा करने के लिए सबसे पहले एक आरती की थाली में अगरबत्‍ती-धूप को जलाएं. इसके बाद पान के पत्‍ते और सुपारी को भी इसमें रखें।  इस दौरान मंत्र ‘ ऊं गं गणपतये नम:’ का जाप करें।