गोरैयों के ‘गार्जियन’ हनीफ

by TrendingNews Desk

अपने घर आंगन में गोरैयों का चहचहाना किसे अच्छा नहीं लगता|इस छोटे आकार वाले खूबसूरत पक्षी का कभी इंसान के घरों में बसेरा हुआ करता था|  लेकिन आधुनिकता के इस समय में गोरैयों की तादाद में काफी कम हो गयी है||घरों में चहचहाने वाली गोरैया अब गायब है| उसे आप यदा कदा ही देख पाते है|इसके पीछे के कारण अनेक है|पेड़ों का कटना,मोबाइल टॉवरों का सैकड़ों की तादाद में छतों पर लगया जाना इसका मुख्य कारण  है|टॉवर से फैलने वाले रेडिएशन गोरैयों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं|ऐसे मेे वो विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं| ऐसे में इन्हें बचाने के लिए एक शख्स आगे आया है|नब्बे साल के इस शख्स का नाम है मोहम्मद हनीफ|जो इनकी देखभाल अपने बच्चों की तरह करते हैं|उनके खाने का इंतजाम,उनके पीने के पानी का इंतजाम इनकी दिनचर्या में शामिल है|पक्षियों की देखभाल करने की इनकी लगन को देखना है तो चले आइए पटना के चिड़ैयाटांड पुल के नीचे जहां वो फल की छोटी सी दुकान चलाते हैं|लेकिन उसी दुकान में बिक रहे फलों के कार्टूनों को सजाकर मोहम्मद हनीफ ने गोरैयों और दूसरे पक्षियों के रहने के लिए घर बनाया है|पुल के खंभों पर लटकते इन चिड़ियों के आशियाने को देखकर पहले तो आप चौंक जाएंगे लेकिन फिर आपको आभास होगा कि नब्बे साल के ये बुजुर्ग इन बेजुबानों को बचाने की कितनी कोशिश कर रहे हैं|हनीफ रोजाना चिड़ियों के लिए खाने और पीने के पानी का इतजाम करते हैं|चिड़ियों का भी ऐसा लगाव की वो झुंडों में दाना खाने के लिए उनकी दुकान के पास आते हैं| बूढ़े हो चले हनीफ बताते हैं कि चिड़ियां भी इश्वर की दी हुई चीज है…ऐसे में उन्हें भी जीने का पूरा अधिकार है|लेकिन बाजारवाद के इस दौर में आदमी उनकी अहमियत को भूल रहा हैं|वो इस बात से भी खफा हैं कि उनके प्राकृतिक आशियाने पेड़ों को अंधाधुंध तरीके से काटा जा रहा है|जिसके चलते आज वो मुसीबत में हैं|
पुल के नीचे फल की दुकान अब उनका बेटा मोहम्मद असीम चलाता है|वो कहते हैं कि उनके पिताजी जैसे घर के बच्चों के खाने का ख्याल रखते हैं..वैसे ही वो चिड़ियों के लिए खाने और पीने का ख्याल रखते हैं और रोजाना चिड़ियों को दाना देना उनकी दिनचर्या में शामिल है|