दिल्ली चुनाव 2020: राजनीतिक पार्टियों का क्या है चुनावी मुद्दा?

by Mahima Bhatnagar
CAB

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में हर पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टियों ने प्रचार के साथ-साथ अपने बनाए हुए एजेंडे में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है। हर कोई उस मुद्दे को जनता के सामने रखकर वोट की अपील कर रहा है।

वोट के लिए मुद्दा
हर बार देखा गया है कि, जनता का भरोसा जितने के लिए राजनीतिक पार्टियां कई मुद्दो को अपना हथियार बनाती हैं। बता दें कि, दिल्ली में 70 सीटों पर चुनाव लड़े जा रहे हैं।

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आइए जानते हैं कि, कौनसे वो मुद्दे हैं जो पार्टियां जनता को रिझाने में अपना रही हैं।

आम आदमी पार्टी का चुनावी मुद्दा

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आम आदमी पार्टी फ्री बिजली, पानी और सरकारी स्कूल को अच्छा बनाने को लेकर जनता से वोट मांग रही है। उनका मानना है कि, जितना काम उन्होंने दिल्ली की जनता के लिए शायद ही कोई पार्टी उतना काम कर पाएगी। क्योंकि जिस तरह दिल्ली राजधानी कही जाती है, उस राजधानी का अच्छा ख्याल बस हमने ही रखा है। दिल्लीवालों की हर उम्मीदों पर खरे उतरे हैं हम। इसलिए दोबारा सरकार बनाकर दिल्ली और यहां पर रहने वाले लोगों के लिए और अच्छा काम करना चाहते हैं हम।

बीजेपी का चुनावी मुद्दा

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बीजेपी हमेशा अपने उठाए चुनावी मुद्दो पर जनता के सामने अपनी बात रखती हुई नजर आई है। चाहे वो 370 हो या फिर सीएए और एनआरसी। इस बार भी उन्होंने भष्ट्राचार 370, शाहीन बाग और सीएए को अपना चुनावी मुद्दा बनाया है, और विपक्षी पार्टी पर जमकर हमला बोला है। उनका कहना है कि, विपक्ष है जो जनता को भड़का रहा है, लेकिन हम जनता के साथ गलत नहीं होने देगे। इसलिए आप बीजेपी को जीत दिलाकर दिल्ली की सत्ता पर हासिल कराए।

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कांग्रेस का चुनावी मुद्दा

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कांग्रेस हाल ही में हुए सीएए और एनआरसी को लेकर प्रदर्शन को अपना मुद्दा बना रही है और बीजेपी के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है। ताकि बीजेपी के वोट आसानी से काट सके। जनता को ये बता रही है कि, बीजेपी का फैसला कितना गलत है, जिसके कारण देश की जनता को कितनी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।

मुद्दे कई हैं, जो जनता के सामने रखे जा रहे हैं। कोई फ्री सुविधाएं दे रहा है, कोई नागरिकता कोई सुरक्षा। लेकिन क्या दिल्ली की जनता इनमें से किन वादों को समझकर वोट देगी ये किसी को नहीं पता। क्योंकि जनता अपना वोट उसी को देगी जो उनके हित में काम करेगा। तो इसी हक को वोट में बदलने के लिए दिल्लीवाले 8 फरवरी को वोट डालने पहुंचेगे और अपने उम्मीदवार को चुनकर उसके हक में वोट डालेंगे। जिसका नतीजा आएगा 11 फरवरी को। अब देखना ये होगा की किसको मिलेगी दिल्ली की सीएम सीट।

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