प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय ज्ञान और बुद्धिमता का प्रतीक: राष्ट्रपति कोविंद

by TrendingNews Desk
राजगीर

राजगीर के अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन हॉल में गुरुवार से चौथा अंतरराष्ट्रीय धर्मा-धम्मा सम्मेलन शुरू हो गया। इस तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति कोविंद के अलावा बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी और श्रीलंका के विदेश मंत्री तिलक मारापना भी मौजूद थे।

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इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि धर्म धम्म परंपरा यह कहती है कि किस तरह निरंतरता से खुद को बेहतर करना है। इसकी क्या जरूरत और महत्ता है। किस तरह से हमें उच्च स्तर का ज्ञान हासिल करना है। यह ज्ञान ही है जिससे प्रिंस सिद्धार्थ भगवान बुद्ध बने और महान योद्धा अशोक बन गए धम्म अशोका। राष्ट्रपति ने कहा कि राजगीर कभी मगध साम्राज्य का हिस्सा था। महात्मा बुद्ध मगध साम्राज्य में भ्रमण कर जहां विश्राम करते थे, वहां उनके शिष्य और अनुयायी मठों का निर्माण कराते थे, जिन्हें ‘विहार’ कहा जाता है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर में ढेर सारे पुरातात्विक स्थलों को देखते हुए नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर की तरह तरह राजगीर को भी वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया जाये। उन्होंने कहा कि धर्मा-धम्मा सम्मेलन से भगवान बुद्ध के संदेशों को पूरी दुनिया में फैलाने का काम हो रहा है। इस दौरान उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के अलावा श्रीलंका के विदेश मंत्री तिलक मारापना ने भी अपने विचार रखे।