नर्क चतुर्दशी पर क्यों की जाती है यम देवता की पूजा

by Mahima Bhatnagar
Narak Chaturdashi

नर्क चौदस को भगवान् यम का त्यौहार माना जाता है। क्योंकि भगवान् यम नरक के देवता कहे जाते हैं। माना जाता है इस दिन शरीर पर सुगन्धित द्रव्य या चीज़ों को लगाने से और सुगन्धित चीज़ों से स्नान करने से नरक का भय नहीं रहता। इस दिन तिल के जल से स्नान किया जाता है और यम के निमित्त 3 अंजलि जल को अर्पित करना शुभ माना जाता है। शाम के समय इस दिन घर के हर कोने में दीप जलाना चाहिए। और घर में अगर कोई पेड़ हो या सरोवर हो उनके सामने भी दीपक जलाना चाहिए।

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त्रयोदशी से लेकर 3 दिन यह दीपक जलाने चाहिए इनसे भगवान् यम प्रसन्न होते हैं। और ऐसा करने से अपने आखरी समय में व्यक्ति को यम यातना का डर नहीं होता। नरक चौदस को रूप चौदस भी कहा जाता है। इस दिन प्रातः काल स्नान करके भगवान् की पूजा की जाती है। स्नान के लिए चन्दन और सुगन्धित द्रव्य का उपयोग किया जाना बहुत शुभ माना जाता है। और ऐसा कहा जाता है इससे रूप भी निखर कर आता है। और स्नान के बाद माँ लक्ष्मी की पूजा की तैयारी की जाती है। और पूर्ण श्रद्धा भक्ति से माँ लक्ष्य को फल फूल धुप से युक्त करके उनकी पूजा की जाती है।

Narak chaturdasi

हनुमान उत्सव का भी पर्व है नर्क चौदस:

नर्क चौदस को भगवान् हनुमान का भी त्यौहार माना जाता है। ऐसा माना जाता है जब कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी थी उस समय मंगलवार के दिन माता अंजनि ने अपने पुत्र हनुमान को जन्म दिया था। देश के कई स्थानों में इस त्यौहार को हनुमान जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन रामायण और हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ माना जाता है एवं प्रसाद स्वरुप चूरमा, कल या अमरुद बाँटना चाहिए।

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वैसे तो नवरात्री से लेकर दिवाली तक हर त्यौहार के अपने अलग-अलग महत्व हैं। एवं हर त्यौहार की पूजा की अलग विधि है। उस विधि से अगर पूजा की जाये तो पूजा का फल अत्यंत ही लाभकारी होता है। हर पूजा को पूर्ण श्रद्धा भक्ति से करना चाहिए तभी पूजा का फल प्राप्त होगा। अगर मन में जरा भी निष्ठा भाव नहीं है तो पूजा नहीं करें। क्योंकि जो काम पूर्ण भाव के साथ किया जाता है उसका विशेष फल प्राप्त होता है।  और अगर नर्क चौदस की बात करें तो इसका भी यही नियम है कि इस दिन भी पूर्ण श्रद्धा भाव से ही पूजा करें। सुबह सूरज निकलने से पहले स्नान करें और फिर भगवान् यम और माता लक्ष्मी की पूजा करें। आप देखेंगे कि आपके जीवन में एक नयी सकारत्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा और सौन्दर्य भी प्राप्त होगा।

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