सबरीमाला मंदिर मे टूटी सैकड़ो साल की परंपरा, 50 साल से कम की दो महिलाओं ने किए दर्शन

by Mahima Bhatnagar
sabrimala temple

नई दिल्ली। केरल के सबरीमाला मंदिर में भारी विरोध के बाद 50 वर्ष से कम उम्र की दो महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश कर इतिहास रच दिया। मिली जानकारी के अनुसार, बिंदु और कनकदुर्गा नाम की दो महिलाओं ने आधी रात को मंदिर की सीढ़ियां चढ़नी शुरू की और सुबह करीब 3.45 पर भगवान के दर्शन किए. दोनों महिलाओं के साथ साधारण कपड़ों में और यूनिफॉर्म में कुछ पुलिसकर्मी थे। मंदिर में प्रवेश करने वाली दोनों महिलाओं से फिलहाल संपर्क नहीं हो पाया है। बढ़ते विवाद की आशंका को देखते हुए मंदिर को अगले 2 दिन के लिए बंद कर दिया गया है।

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मंगलवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू दिया। इस दौरान जब उनसे सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सबरीमाला ही नहीं देश में कई ऐसे मंदिर हैं, जहां पर परंपरा के मुताबिक पुरुषों की एंट्री प्रतिबंधित है। वहां इसका पालन किया जाता है। इस पर किसी को समस्या नहीं होती। अगर लोगों की आस्था है कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं का प्रवेश न हो तो उसका भी ख्याल रखा जाना चाहिए। मोदी ने कहा कि महिला जज ने सबरीमाला मामले पर जो फैसला दिया है उसे भी देखा जाना चाहिए।

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क्या आया था सुप्रीम कोर्ट का फैसला

गौरतलब है कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मामले पर सुनवाई के लिए 5 जजों की बेंच बनाई गई थी। इसमें एक महिला जज इंदु मल्होत्रा थीं। इस मामले फैसला 4-1 से फैसला आया था जिसमें कहा गया था कि किसी भी उम्र की महिला को मंदिर में प्रवेश से रोका नहीं जा सकता। जबकि पीठ में शामिल एकमात्र महिला जज इंदु मल्होत्रा ने इसका विरोध किया था।

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