इतिहास
दादरा और नगर हवेली भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश है। यह दक्षिणी भारत में महाराष्ट्र और गुजरात के बीच स्तिथ है, हालांकि दादरा, जो कि इस प्रदेश कि एक तालुका है, कुछ किलोमीटर और गुजरात में स्थित एक विदेशी अन्तः क्षेत्र है। सिलवासा इस प्रदेश की राजधानी है।
इस प्रदेश पर मराठाओं का और फिर पुर्तगाली साम्राज्य का शासन था। इस संघ को भारत में 11 अगस्त 1961 में शामिल किया गया।
दादरा और नगर घवेली प्रमुख रूप से ग्रामीण क्षेत्र है जिसमे अधिक आदिवासी रहते है। संघ राज्य क्षेत्र 40 प्रतिशत हिस्सा आरक्षित वनों से घिरा है जो नाना प्रकार के वनस्पति और पशु को निवास प्रदान करते है। समुद्री तट से समीपता के कारण, गर्मियों में तापमान ज्यादा ऊपर नहीं जाता। दमनगंगा यहां की प्रमुख नदी है जो अरब सागर में जाकर मिलती है।
घने वन तथा अनुकूल जलवायु को देखते हुए यहाँ पर्यटन क्षेत्र को उच्च प्राथमिकता दी गई है। यत्रिओ के ठहरने के लिए अनेक होटल्स और रेसोर्ट्स मौजूद है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर साल तारपा उत्सव, पतंग उत्सव और विश्व पर्यटन दिवस आदि आयोजित किए जाते हैं।
मुख्य पर्यटन स्थल
ताडकेश्वर शिव मंदिर, वृंदावन ,खानवेल का हिरण पार्क, बाणगंगा झील और द्वीप उद्यान, वनविहार उद्यान, लघु प्राणी विहार
दादरा और नगर घवेली की जनसंख्या (2011) – 3.44 लाख
दादरा और नगर घवेली की भाषा – हिन्दी, गुजराती, मराठी