अमेजॉन-फ्लिपकार्ट से आप सिर्फ ये सामान कर सकते हैं ऑर्डर

by Mahima Bhatnagar
Amazon-Flipkart

नई दिल्ली। सरकार ने 20 अप्रैल से लॉकडाउन में देश के कुछ जिलों में थोड़ी ढील देने का फैसला लिया है। इसी के तहत कई तरह के कारोबार और सेवाएं आज से शुरू हो जाएंगी। ई—कॉमर्स कंपनियों को भी अपनी सेवाएं शुरू करने की इजाजत दी गई है, लेकिन उन्हें सिर्फ जरूरी सामान की आपूर्ति की ही इजाजत मिली है।

क्या कहा सरकार ने

असल में पहले इस बात की जोरशोर से चर्चा थी कि 20 अप्रैल से एमेजॉन-फ्लिपकार्ट जैसी ई—कॉमर्स कंपनियां सभी तरह की सेवाएं शुरू करेंगी और टीवी, मोबाइल, फ्रिज जैसे गैर जरूरी सामान की भी आपूर्ति शुरू करेंगी। ई-कॉमर्स कंपनियों ने तो इसके लिए ऑर्डर भी लेने शुरू कर दिए थे। लेकिन रविवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने निर्देश में यह साफ किया है कि ई-कॉमर्स कंपनियां सिर्फ आवश्यक वस्तुओं की ही आपूर्ति कर सकती हैं, गैर आवश्यक वस्तुओं की नहीं। वैसे लॉकडाउन को बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया है।

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क्या है आवश्यक वस्तुओं में

ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा होने वाली आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई में ग्रॉसरी यानी किराने के सामान, फल—सब्जियां आदि ही आती हैं। यानी ई-​कॉमर्स वेबसाइट्स से आप रोजमर्रा के खाने-पीने के सामान ग्रॉसरी और फल-सब्जियों आदि के ही ऑर्डर कर पाएंगे।

क्यों हुआ भ्रम

14 अप्रैल को लॉकडाउन को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कोरोना मुक्त इलाकों में सशर्त आर्थिक गतिविधि की छूट दी जा सकती है। इसके बाद मंत्रालय ने बुधवार को जारी अपनी गाइडलाइन में कहा है कि 20 अप्रैल से इस तरह की सर्विस को उन इलाकों में शुरू किया जाएगा ​जो कोरोना के हॉटस्पॉट नहीं हैं।

बुधवार यानी 15 अप्रैल को गृह मंत्रालय ने एक गाइडलाइन जारी की। इसमें कुछ सेवाओं के लिए सशर्त छूट दी गई, ताकि रोजमर्रा की जरूरी चीजों की सप्लाई जारी रहे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निर्देश जारी किए थे जिसमें कहा गया था कि ई-कॉमर्स कंपनियों को अपना कारोबार करने यानी ऑर्डर लेने और माल सप्लाई की इजाजत होगी। उनके वैन और डिलिवरी बॉय को रोका नहीं जाएगा।

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व्यावसायिक और निजी संस्थानों के बारे में एक उपखंड में मंत्रालय ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों को कारोबार शुरू करने की इजाजत दी जाएगी। इसमें कहा गया है कि ई-कॉमर्स कंपनियों की गाड़ियों को जरूरी परमिशन के साथ आवाजाही की अनुमति होगी।

इस निर्देश में यह साफ नहीं था कि यह सभी सेवाओं—वस्तुओं के लिए है या सिर्फ आवश्यक वस्तुओं के लिए. इसलिए ई-कॉमर्स कंपनियों ने इस आदेश को अपने पक्ष में मानते हुए सभी तरह की वस्तुओं के ऑर्डर भी लेने शुरू कर दिए थे।

यही नहीं, रेडिमेड कपड़ों की सप्लाई करने वाले वेबसाइट्स ने भी आपूर्ति शुरू करने की तैयारी कर ली थी, लेकिन रविवार को फिर गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि उसका पहले का निर्देश सिर्फ जरूरी वस्तुओं के लिए था और बाकी सामान की आपूर्ति पर पाबंदी जारी रहेगी।