कोरोनाकाल में इन योगासनों से बढ़ाएं अपनी रोग प्रतिरोधक शक्ति

by Shatakshi Gupta

व्यायाम हमारे चयापचयया अंग्रेजी में कहें तो मेटाबॉलिज्मको बेहतर करने में मदद करता है और यदि आप सही व्यायाम चुनते हैं तो यह आपकेशरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ा सकता है और आपके श्वसन तंत्र को भी मजबूत करता है।भारत में  हजारों वर्षों से प्रचलित, इस शारीरिक क्रिया को विज्ञान द्वारा इसके विविध स्वास्थ्य लाभों के लिए प्रमाणित किया जा चुका है।

कोविड-19 हमारी श्वसन प्रणाली को संक्रमित करता है, इसलिए संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए अपने फेफड़ों को मजबूत करना महत्वपूर्ण है और इसके लिए योग बहुत उपयोगी साबित हो सकता है। संक्रमण से पहले और बाद में कुछ आसान योग आसन करने से प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार और फेफड़ों की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद मिल सकती है।आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही योगासनों के बारे में।

बालासन

ये आसन आपकी पीठ के निचले हिस्से कोतनाव मुक्त करता है और थकान को कम करता है।ये आसन आपके दिमाग को फिर से जीवंत करता है। यह आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में पूरी तरह काम करता है।

कैसे करें

  • अपने दोनो पैर की उंगलियों को आपस में जोड़कर जमीन पर घुटने टेकें और घुटनों को एक दूसरे से थोड़ा अलग करें। अपने दोनों हाथों को अपनी जाँघों पर रखें।
  • साँस छोड़ें और अपने धड़ को आगे की ओर झुकाएँ। आपका पेट आपकी जांघों पर टिका होना चाहिए और आपका सिर आपके घुटनों के बीच की जमीन को छूना चाहिए।
  • फिर जमीन को छूने के लिए अपने हाथों को अपने सामने फैलाएं।
  • इस मुद्रा में कुछ देर रुकें फिर सांस लें और प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं।
धनुरासन

धनुरासन शरीर में रक्त के प्रवाह में सुधार करता है जो प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह व्यायाम पाचन तंत्र पर दबाव डालता है जो भोजन को आसानी से पचाने में मदद करता है।

कैसे करें

  • अपने पेट के बल लेट जाएं और अपने पैरों थोड़ा सा फैला लें।
  • अब अपने घुटनों को ऊपर की ओर मोड़ें और अपनी एड़ी को अपने कूल्हों की ओर ले जाएं। दोनों पैरों की एड़ियों को हाथों से पकड़ें।
  •  सांस भरते हुए अपनी छाती और पैरों को जमीन से ऊपर उठाएं। अपने चेहरे को सीधा रखते हुए अपने पैरों को जितना हो सके खींचे। आपका शरीर धनुष की तरह कड़ा होना चाहिए।
  • इस मुद्रा में कुछ देर रुकें और फिर प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं।
भुजंगासन

भुजंगासन आपके फेफड़ों को और खोलता है, आपकी रीढ़ को मजबूत करता है और साथ ही ऊर्जा को बढ़ाता है। यह पाचन में सुधार करने और आपके लीवर पर दबाव को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे आपकी प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।

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कैसे करें

  • सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं और अपने पैरों को एक दूसरे के करीब रखें और हाथों को ऊपर की ओर फैलाएं।
  • अपने दोनों पैरों को मिला लें और अपने माथे को जमीन पर टिका दें।
  • अपनी कोहनियों को शरीर के पास रखते हुए, अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे लाएं।
  • सांस अंदर लें और धीरे से अपने शरीर के ऊपरी आधे हिस्से को ऊपर उठाएं।
  • सामान्य मुद्रा में वापस आने से पहले साँस छोड़ें और 4-5 सेकंड के लिए इस मुद्रा में रुकें।
पश्चिमोत्तानासन

 पश्चिमोत्तानासन पाचन में सुधार करता है, बंद नाक से भी राहत देता है और चिंता को कम करता है। यह मस्तिष्क को शांत रखने में भी मदद करता है और कोविड के बाद मानसिक समस्याओं के लक्षणों को कम करता है।

कैसे करें

  • अपने पैरों को सामने फैलाकर अपनी हथेलियों को अपनी तरफ करके जमीन पर बैठ जाएं।
  • एक गहरी सांस लें और अपनी रीढ़ को लंबा खींचे। अपने हाथों को ऊपर की ओर फैलाएं।
  • साँस छोड़ते हुए अपने हाथों से अपने पैर की उंगलियों को छूने के लिए आगे झुकें।
  • आपका पेट आपकी जांघों पर टिका होना चाहिए और आपकी नाक आपके घुटनों को छूनी चाहिए।
  • इस स्थिति में 4-5 सेकेंड तक रहें और फिर पुरानी मुद्रा में वापस जाएं।
वीरभद्रासन

इस मुद्रा में आने के लिए, आपको ध्यान केंद्रित करने और बहुत अधिक शक्ति का उपयोग करने की आवश्यकता होती है, और जैसे-जैसे आपका शरीर इसे प्राप्त करने का प्रयास करता है, यह शरीर में लचीलापन और प्रतिरक्षा शक्ति दोनो बढ़ता है। यह आसन आपकी छाती को खोलता है और आपको बेहतर सांस लेने में मदद करता है।

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कैसे करें

  • जमीन पर खड़े हो जाएं और अपने पैरों को थोड़ा फैलाएं और अपनी भुजाओं को अपने बगल में रखें।
  • साँस छोड़ें और अपनी बाईं ओर एक बड़ा कदम उठाएं।
  • अब अपने बाएं पैर की उंगलियों को बाहर की ओर मोड़ें और अपने घुटनों को 90 डिग्री के कोण पर मोड़ें।
  • अपने दाहिने पैर को लगभग 15 डिग्री अंदर की ओर मोड़ें। आपके दाहिने पैर की एड़ी बाएं पैर के केंद्र में होनी चाहिए।
  • अपने दोनों हाथों को साइड में उठाएं।  इसे अपने कंधों के स्तर तक ले आएं।  आपकी हथेलियां ऊपर की ओर होनी चाहिए। इस पोजीशन में कुछ गहरी सांसें लें।
  • अपने सिर को अपनी बाईं ओर मोड़ें और जितना हो सके अपने कूल्हों को धीरे से नीचे की ओर धकेलें। कुछ सेकंड के लिए रुकें और फिर प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं।
  • उसके बाद दूसरे पैर पर भी यही दोहराएं।
शवासन

शवासन सबसे आसान और आरामदेह आसन है। यह व्यायाम आपको बेहतर सांस लेने और आपके दिमाग को शांत करने में मदद करता है।

कैसे करें

  • अपने हाथों और पैरों को फैलाकर अपनी पीठ के बल आराम से लेट जाएं।
  • अपनी आँखें बंद करें और नाक से धीरे-धीरे सांस लें।
  • साँस छोड़ें और सोचें कि शरीर शिथिल है।
  • इस मुद्रा में 10 मिनट तक रहें।