पीएम मोदी ने बनाया नया मंत्रालय, मिनिस्ट्री ऑफ को-ऑपरेशन; अमित शाह ने संभाला अतरिक्त कार्यभार

by Shatakshi Gupta

मोदी सरकार ने मंगलवार को देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए नए ‘सहकारिता मंत्रालय’ (Ministry of cooperation) की घोषणा की। यह नया मंत्रालय देश में सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए एक अलग प्रशासनिक, कानूनी और नीतिगत ढांचा प्रदान करेगा, सरकार ने एक प्रेस नोट में कहा, यह सहकारी समितियों को “जमीनी स्तर तक पहुंचने वाले सच्चे जन-आधारित आंदोलन को गहराकरने में मदद करेगा।”

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सहकारिता मंत्रालय बनाया जाने वाला दूसरा मंत्रालय है। 2019 में कार्यभार संभालने के बाद सरकार ने जल शक्ति मंत्रालय बनाया था।

बजट में आया था प्रस्ताव:

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देश में, एक सहकारी आधारित आर्थिक विकास मॉडल बहुत प्रासंगिक है, प्रत्येक सदस्य जिम्मेदारी की भावना के साथ काम करता है।प्रेस नोट जारी करते हुए कहा गया है, कि “केंद्र ने समुदाय-आधारित विकास साझेदारी के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धताका संकेत दिया है और कहा कि एक अलग मंत्रालय का निर्माण केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणा को भी पूरा करता है।”

सहकारिता के लिए अलग से प्रशासनिक ढांचा स्थापित करने का प्रस्ताव सबसे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021 में केंद्रीय बजट भाषण देते हुए रखा था। सहकार भारती की ओर से भी राष्ट्रीय स्तर पर सहकारी क्षेत्र के लिए अलग मंत्रालय की मांग आई थी।

क्या काम होगा इस मंत्रालय का?

मंत्रालय ‘सहकार से समृद्धि’ के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए बनाया गया है। सरल शब्दों में, यह मंत्रालय प्रक्रियाओं को सरल बनाने और सहकारी समितियों के लिए व्यवसाय करने में आसानी सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा। यह बहु-राज्य सहकारी समितियों के विकास में भी सहायता करेगा। परिभाषा के अनुसार, एक सहकारी एक ऐसी कंपनी है जिसका स्वामित्व और प्रबंधन इसमें काम करने वाले लोगों द्वारा किया जाता है।

यह समान आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक साथ काम करने वाली कई समान कंपनियों या संगठनों से भी बना हो सकता है।

अमित शाह संभालेंगे मंत्रालय की कमान

मौजूदा गृह मंत्री अमित शाह अब अपने मंत्रालय के साथ नवगठित सहकारिता मंत्रालय भी संभालेंगे। अतिरिक्त प्रभार को आज मंत्रालयों के बड़े पैमाने पर फेरबदल के हिस्से के रूप में जाना गया, जिसमें कई पुराने राजनेता नए चेहरों के लिए रास्ता बना रहे थे।