गुलज़ार साहब के लिखे वो गाने जिन्हें आज भी गुनगुनाते हैं लोग

by Mahima Bhatnagar
gulzar

नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा का वो नाम जो सिर्फ नाम से ही नहीं बल्कि काम से भी गुलज़ार हैं। शायद ही कोई होगा कि जो गुलज़ार के नाम से वाकिफ नहीं होगा। ये नाम सुनते ही लोगों की जुबां पर उनके लिखे गाने आ जाते हैं। पिछले कई दशकों से गुलज़ार ने हिंदी सिनेमा को कई बेहतरीन कहानियां, फिल्में और गाने दिए हैं और ये सिलसिला आज भी जारी है। उनके गाने लोगों के दिल से उतरते हुए रूह को छूते हैं, तो चलिए आज गुलज़ार के कुछ बेहतरीन नग्मों की याद हम भी आपको दिला देते हैं।

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‘ए ज़िंदगी गले लगा ले’- साल 1983 में रिलीज हुई श्रीदेवी और कमल हासन की बेहतरीन फिल्म ‘सदमा’ का ये गाना आज भी दर्शकों की पहली पसंद बना हुआ है। इसी फिल्म ने श्रीदेवी और कमल हासन को एक शानदार एक्टर के रूप में स्थापित किया था। गुलज़ार की कलम से निकला ये नायाब गीत सदाबहार है।

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‘मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है’- गुलज़ार का एक और बेहतरीन गाना ‘मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है’ साल 1988 में रिलीज हुई फिल्म इजाज़त में था। आशा भोंसले ने इस गाने को अपनी आवाज दी थी। साथ ही फिल्म में नसीरुद्दीन शाह और रेखा लीड रोल में दिखाई दिए थे।

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‘मुसाफिर हूं यारों’- फिल्म ‘परिचय’ का ये गाना गुलज़ार का लिखा हुआ है, इस फिल्म को डायरेक्ट भी गुलज़ार ने ही किया था। फिल्म में जीतेंद्र और जया भादुड़ी अहम किरदार में थे।

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‘आने वाला पल जाने वाला है’ – अमोल पालेकर की सुपरहिट फिल्म ‘गोलमाल’ साल 1978 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म का सुपरहिट गाना ‘आने वाला पल जिसे गुलज़ार ने लिखा और किशोर कुमार ने आवाज दी।

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Source: Gaane sune ansune

‘चप्पा चप्पा चरखा चले’- गुलज़ार की कलम से निकला एक और खूबसूरत गीत ‘चप्पा चप्पा चरखा चले’ साल 1996 में रिलीज़ फिल्म ‘माचिस’ में हरिहरन और सुरेश वाडकर ने गाया था। आपको बता दें कि फिल्म ‘माचिस’ को डायरेक्ट भी गुलज़ार ने ही किया था।

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Source: Bollywood classics