कोविशील्ड वैक्सीन: कितनी सुरक्षित, कितनी डोज जरूरी?

by Mahima Bhatnagar
Corona vaccine

नई दिल्ली। नए साल के तोहफे के रूप में कोविशील्ड वैक्सीन को देश में इस्तेमाल करने की मंजूरी मिल गई है। ऑक्सफोड- एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया तैयार कर रहा है। इसलिए इस वैक्सीन को कोविशील्ड नाम दिया गया है।

अब सवाल ये है कि, भारत में कोविशील्ड वैक्सीन की कितनी डोज तैयार कि जाएगी इसके बारे में हर कोई सवाल कर रहा है। क्योंकि हर किसी के जहन में एक ही बात चल रही है कि, जितनी जल्दी हो सके इस बीमारी को खत्म किया जाए, ताकि 2020 की घटनाएं दोबारा ना दोहराई जाए।

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कितने तैयार हैं कोरोना वैक्सीन के लॉन्च होने पर?

सीरम में पिछले 8-9 महीने से वैक्सीन के प्रोड्क्शन की तैयारी चल रही है, ताकि जल्द से जल्द इसे लोगों तक पहुंचाया जाए। इसका जितना स्टॉक 3-4 साल में तैयार होता है, वो करीब 6 महीने में तैयार कर लिया गया।

वैक्सीन की एक बोतल से कितने लोगों को लगेगी ये डोज?

सीरम इंस्टीट्यूज में जो वैक्सीन की बोतल बन रही है। उसमें कम-से-कम 10 डोज दी जा सकती है। जिसे एक बार खोलने के बाद 4-5 घंटे के भीतर इस्तेमाल किया जा सकता है।

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कितने तापमान में रखी जा सकती है वैक्सीन?

सीरम इंस्टीट्यूट का दावा है कि, उनकी वैक्सीन से 2 से 8 डिग्री के तापमान में रखा जा सकता है। इसे फ्रिज में भी रखा जा सकता है।

वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज में कितने समय का होना चाहिए अंतर?

भारत में सीरम इंस्टीट्यूट पूरी डोज के लिए अप्लाई कर रहा है। लेकिन लोगों से अपील की जा रही है कि वो पहली डोज और दूसरी डोज के बीच कुछ अंतर रखें। अतंर महीने का अगर आप दो महीने के बाद दूसरी डोज ले रहे हैं, तो उसके आपको हानिकारक प्रभाव नहीं होगें।

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क्या कोरोना के नए स्ट्रेन पर काम करेगी वैक्सीन?

ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि ये नई वैक्सीन नए स्ट्रेन पर काम नहीं करेगी। वैज्ञानिकों द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, वायरस वही है बस कुछ प्रभाव ऐसे हैं, जो थोड़े अलग है। ऐसे में वैक्सीन इसपर काम कर सकेगी। हालांकि, अगले कुछ दिनों में ये साफ हो जाएगा कि वैक्सीन नए स्ट्रेन पर कितना कारगर है।

सीरम की वैक्सीन की कितनी कीमत होगी?

इंस्टीट्यूट भारत सरकार को एक डोज 200 रुपये में देगी यानी दो डोज की वैक्सीन 400 रुपये में दी जाएगी। लेकिन ये दाम सिर्फ सरकार के लिए है, क्योंकि सरकार सीरम से करोड़ों डोज खरीद रही है। अगर कोई प्राइवेट कंपनी वैक्सीन की डोज खरीदती है तो 1 हजार रुपये एक डोज के लिए देने होंगे। यानी किसी प्राइवेट जगह से वैक्सीन लेने का खर्च 2 हजार रुपये होगा।

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ट्रायल के दौरान कैसे साइड इफेक्ट मिले?

जिन लोगों पर इस वैक्सीन का ट्रायल किया गया, उनमें से कुछ ने सिर दर्द और कुछ ने हल्का बुखार होने की बात कही है। जो सामान्य दवाई से कुछ दिन में ही ठीक हो गया, ऐसे में कोई बड़ा साइड इफेक्ट नहीं हुआ है।

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कितना सेफ है सीरम की वैक्सीन?

वैक्सीन बनाने में 9 महीने का वक्त गया है, सेफ्टी की सभी शर्तों को पूरा किया जा रहा है। हर वैक्सीन में कुछ ना कुछ साइड इफेक्ट होते हैं, लेकिन कोरोना की वैक्सीन में अभी तक जान का खतरा कोई सामने नहीं आया है। एक बार वैक्सीन लग जाए तो शुरू के सात दिन में इफेक्ट दिखना शुरू हो जाते हैं, अभी तक के सारे ट्रायल में कोई दिक्कत नहीं आई है।