कंगना: बॉक्स ऑफ़िस पर कामयाबी से लेकर विवादों तक

by Mahima Bhatnagar
Kangna ranaut

नई दिल्ली। कंगना रनौत हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का एक ऐसा नाम जो हमेशा सुर्ख़ियों में रहा है, हमेशा विवादों में रहा है, कभी अपने सधे हुए अभिनय को लेकर तो कभी लड़ाई झगड़ों को लेकर। हिमाचल प्रदेश में जन्मीं कंगना ने जब अभिनय करने का प्लान बनाया तब सबसे पहले उन्होंने थिएटर डायरेक्टर अरविंद गौड़ से दिल्ली में अभिनय के गुण सीखे उसके बाद रुख किया मुंबई का।

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मुंबई में आने के बाद कंगना की जद्दोजहद शुरू हुई मगर इन्हें साथ मिल गया आदित्य पंचोली का. दोनों की दोस्ती की ख़ूब चर्चा हुई और कंगना को आदित्य पंचोली की गर्लफ़्रेंड बताया गया। मंज़िल की तलाश करते करते कंगना की मुलाकात फ़िल्मकार महेश भट्ट से हुई जिन्होंने 2006 में अनुराग बसु के निर्देशन में बनी फ़िल्म ‘गैंगस्टर’ में कंगना को लीड रोल दिया।

इस पहली फ़िल्म के क़िरदार ने ही कंगना को सुर्ख़ियों में लाकर खड़ा कर दिया क्योंकि ये क़िरदार परवीन बॉबी की ज़िंदगी से प्रेरित बताया गया। कंगना ने अपनी पहली ही फ़िल्म में इतना सधा हुआ अभिनय किया कि न सिर्फ़ वाहवाही मिली, इन्हें फ़िल्मफ़ेअर का बेस्ट डेब्यू अवार्ड भी मिल गया। यहां से कंगना ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

साल 2007 में कंगना की ‘वो लम्हे’ और ‘लाइफ़ इन ए मेट्रो’ जैसी फिल्में आईं मगर 2008 की फ़िल्म ‘फ़ैशन’ ने कंगना को अलग मुकाम दे दिया। मधुर भंडारकर की फ़िल्म फैशन इंडस्ट्री की कहानी कह रही थी जिसमें प्रियंका चोपड़ा लीड रोल में थीं। इस फ़िल्म में कंगना का क़िरदार छोटा था मगर वो छोटा क़िरदार इतना मजबूत बना कि इन्हें सपोर्टिंग रोल के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। इसी साल उनकी फिल्म ‘राज़-3’ रिलीज़ हुई थी।

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2008 में कंगना सुर्ख़ियों में फिर आई अपने रिश्तों को लेकर जब राज़-3 के हीरो अध्ययन सुमन के साथ इनके रिलेशनशिप की ख़बरों ने हेडलाइन बनाना शुरू किया मगर कुछ ही समय में इनका रिश्ता टूट गया। यहां तक कंगना ने बॉलीवुड में अपने लिए अच्छा मुकाम तो हासिल कर लिया था मगर इनपर ठप्पा लग गया था एक ही तरह के सीरियस रोल करने का।

वैसे ये भी हक़ीक़त है कि फ़िल्म इंडस्ट्री में जब कोई क़िरदार या कोई फ़ॉर्मूला हिट होता है तो उसकी लाइन लग जाती है. कंगना के साथ भी कुछ कुछ वैसा ही हो रहा था मगर कहते हैं कि नसीब अगर आपके साथ होता है तो मंज़िल तक पहुंचने में ज़रूरत की हर चीज़ आपके सामने आती है।

कंगना के सामने 2011 में आई रोमांटिक कॉमेडी फिल्म ‘तनु वेड्स मनु’। कंगना ने मौका हाथ से जाने नही दिया और इस फ़िल्म ने कंगना के करियर को नए मोड़ पर पहुंचा दिया. इस फ़िल्म के सीक्वल को वैसे ही बड़ी कामयाबी मिली और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।

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इन दोनों फिल्मों ने बॉक्स आफिस पर सफलता के साथ साथ दर्शकों से लेकर समीक्षकों की सराहना भी हासिल की। इस फ़िल्म का निर्देशन आनंद एल राय ने किया था और कंगना के साथ आर माधवन मुख्य भूमिका में थे। 2014 का साल आया जिसने कंगना को बॉक्स ऑफिस की क्वीन बना दिया. इसी साल फ़िल्म ‘क्वीन’ रिलीज़ हुई और कंगना ने बॉलीवुड में अपनी कामयाबी की नई इबारत लिख दी। विकास बहल द्वारा निर्देशित इस फ़िल्म ने भी कंगना को राष्ट्रीय पुरस्कार दिलवाया।

किस्मत कंगना का साथ देती रही और हर 2-4 फ्लॉप फ़िल्म के बाद एक ऐसी फिल्म करियर में आती रही जिसने कंगना को टॉप पर बनाये रखा. ‘मणिकर्णिका’ में कंगना झांसी की रानी बनी। इस फ़िल्म का निर्देशन भी कंगना ने ही किया जिसमें उन्होंने झांसी की रानी की भूमिका निभाई थी।

शुरुआत से ही जैसे जैसे कंगना कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ी वैसे वैसे विवादों की रानी बनती गईं। कंगना ने उनलोगों को भी अपना निशाना बनाया जिन्होंने कंगना के करियर में योगदान दिया। गैंगस्टर, लाइफ़ इन ए मेट्रो की सफ़लता के बाद कंगना ने आदित्य पंचोली के ख़िलाफ़ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की और आरोप लगाया शराब पीकर शारीरिक उत्पीड़न का हालांकि आदित्य पंचोली ने कंगना की स्ट्रगल में उनका साथ दिया था। ये केस उन दिनों मीडिया की सुर्ख़ियों में था।