IPL क्यों रद्द नहीं करना चाहता BCCI?

by Mahima Bhatnagar
IPL

कोरोना वायरस महामारी ने लोगों के जीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। दुनियाभर में 1 लाख 30 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में मौत का आंकड़ा 400 के पार पहुंच चुका है।

कोरोना वायरस की वजह से भारत में लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने अब तक इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) पर कोई बड़ा फैसला नहीं लिया है। BCCI सूत्रों के मुताबिक आईपीएल को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। 3 मई के बाद ही बीसीसीआई IPL पर कोई फैसला लेगा। BCCI जल्दबाजी में आईपीएल पर कोई बड़ा फैसला नहीं लेना चाहता, क्योंकि आईपीएल नहीं होने से बीसीसीआई और सभी फ्रेंचाइजी टीमों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।

इसे भी पढ़ें: लॉकडाउन: गृह मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन, इन कामों में मिलेगी रियायत

BCCI के सूत्रों के मुताबिक आईपीएल को रद्द करने पर 3000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। BCCI हालात पर नजर बनाए हुए है, जिससे छोटा ही सही किसी तरह ये टूर्नामेंट हो जाए और बड़े नुकसान से बचा जा सकते। BCCI ने आईपीएल की बीमा पॉलीसी में महामारी से संबंधित प्रावधान नहीं रखा।अगर IPL रद्द किया जाता है, तो इसका असर सभी फ्रेंचाइजियों, खिलाड़ियों, प्रसारणकर्ताओं और हितधारकों पर पड़ेगा।

ऐसा भी हो सकता है कि आईपीएल नहीं होने पर खिलाड़ियों को पैसा नहीं मिले। आईपीएल फ्रेंचाइजी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई से कहा था कि आईपीएल भुगतान का तरीका ऐसा है कि टूर्नामेंट शुरू होने से एक हफ्ते पहले 15 प्रतिशत राशि दे दी जाती है. टूर्नामेंट के दौरान 65 प्रतिशत दी जाती है। बची हुई 20 प्रतिशित टूर्नामेंट खत्म होने के बाद निर्धारित समय के अंदर दी जाती है।

इसे भी पढ़ें: लॉकडाउन: पीएम मोदी की इन 7 बातों का रखें खास ध्यान

अधिकारी ने कहा था कि बीसीसीआई के विशेष दिशा निर्देश हैं. निश्चित रूप से किसी भी खिलाड़ी को अभी कुछ नहीं दिया गया है। बीसीसीआई खिलाड़ी संस्था- भारतीय क्रिकेटर्स संघ के अध्यक्ष अशोक मल्होत्रा ने स्वीकार किया था कि आईपीएल के एक सत्र के नहीं होने का आर्थिक प्रभाव काफी बड़ा होगा। एक अन्य फ्रेंचाइजी के अधिकारी ने स्पष्ट किया था कि महामारी के लिए खिलाड़ियों के वेतन का बीमा नहीं किया जाता। उन्होंने पूछा, ‘हमें बीमा कंपनी से कोई राशि नहीं मिलेगी क्योंकि महामारी बीमा की शर्तों में शामिल नहीं है। प्रत्येक फ्रेंचाइजी की वेतन देने की राशि 75 से 85 करोड़ रुपये है। अगर खेल ही नहीं होता तो हम भुगतान कैसे कर सकते हैं। ‘तो क्या अब भी बीसीसीआई आईपीएल की वैकल्पिक विंडो तैयार करने को सोच रहा है?