वायु सेना की ताकत को कैसे दोगुनी करेगा राफेल

by Mahima Bhatnagar
Rafael

नई दिल्ली। लड़ाकू विमान राफेल मिलने के बाद भारतीय वायुसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा। एयरफोर्स डे के दिन फ्रांस में भारत ने पहले राफेल को रिसीव किया।

इस जेट के बाद एशियाई देशों में हवाई मोर्चे पर भारत को जबरदस्त बढ़त मिल गई है। जल्द ही इस विमान को वायुसेना में शामिल कर लिया जाएगा। यह जेट एकसाथ जमीन से आसमान तक दुश्मनों को पस्त कर सकता है। इसकी ताकत का अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि एक राफेल को रोकने के लिए पाकिस्तान को दो F-16 विमानों की जरूरत होगी। राफेल विमान की ताकत और भारतीय वायुसेना के लिए यह क्यों इतना महत्वपूर्ण है, समझें यहां…

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भारत के लिए क्यों है राफेल महत्वपूर्ण



भारत के लिए राफेल महत्वपूर्ण है। मिस्र और फ्रांस में पहले से ही राफेल जेट का प्रयोग किया जा रहा है, लेकिन भारत को मिलनेवाला राफेल अधिक अडवांस्ड तकनीक से लैस है। भारत की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इसमें कुछ अतिरिक्त फीचर्स भी जोड़े गए हैं।

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  • विमान में हेल्मेट माउंटेड साइट्स और लक्ष्य को भेदने की प्रणाली है ताकि पायलट बहुत कम समय में हथियारों को शूट कर सकें।
  • विमान में बहुत ऊंचाईवाले एयरबेस से भी उड़ान भरने की क्षमता है। लेह जैसी ऊंचाईवाली जगहों और ठंडे मौसम में भी विमान तेजी से काम कर सकता है।
  • मिसाइल अटैक का सामना करने के लिए विमान में खास तकनीक का प्रयोग किया गया है।
  • अगले 50 सालों तक के लिए फ्रेंच इंडस्ट्रियल सपॉर्ट भी मिलेगा।
  • सुखोई विमान से कैसे अलग है राफेल
    SU30MKI फाइटर जेट की तुलना में राफेल अधिक ताकतवर है। राफेल की कीमत भी काफी अधिक है।
  • SU30MKI से राफेल 1.5 गुना अधिक कार्यक्षमता से लैस है।
  • राफेल की रेंज प्रति घंटा 780 से 1055 किमी तक है जबकि सुखोई की 400 से 550 किमी. तक।
  • राफेल प्रति घंटे 5 सोर्टीज लगा सकता है जबकि सुखोई की क्षमता महज 3 की है।

भारत के लिए खास तरह से डिजायन


फ्रांस और मिस्र राफेल जेट का प्रयोग कर रहे हैं। भारत को सप्लाई किया जाने वाले राफेल काफी उन्नत है और भारत की स्थितियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह विमान अधिक ऊंचाई वाले लेह के ठंडे वातावरण में भी तेजी से उड़ान भर सकता है।

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जानें कब मिलेंगे सभी 36 राफेल जेट

पहले चार राफेल जेट मई 2020 तक भारत को मिल जाएंगे। सभी 36 विमान अप्रैल 2022 तक भारत को मिलेंगे। पहले 18 राफेल जेट अंबाला में तैनात किए जाएंगे। बाकी के 18 विमान पूर्वोत्तर के हाशीमारा में तैनात किए जाएंगे।

राफेल से इस तरह बढ़ेगी वायु सेना की ताकत

राफेल को बेड़े में शामिल करने सा वायु सेना की क्षमता और ताकत में काफी इजाफा होगा। राफेल एक साथ जमीन पर से दुश्मन के हमलों को ध्वस्त करने और आसमान में आक्रमण करने में सक्षम है। जरूरत पड़ने पर परमाणु हथियारों का भी इस्तेमाल कर सकता है।

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राफेल के सामने नहीं टिकेगा पाकिस्तान

विशेषज्ञों के मुताबिक, राफेल जंग में ‘गेमचेंजर’ साबित होगा और इसके आने पर पाकिस्‍तानी एयरफोर्स पर दबाव काफी बढ़ जाएगा। पाकिस्‍तानी एयरफोर्स को एक राफेल को रोकने क‍ि लिए दो एफ-16 विमान लगाने पड़ेंगे। अभी भारत को एक एफ-16 रोकने के लिए दो सुखोई 30एमकेआई विमान तैनात करने पड़ते हैं।