लॉकडाउन: पीएम मोदी की इन 7 बातों का रखें खास ध्यान

by Mahima Bhatnagar
Modi

नई दिल्ली। पीएम मोदी ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने का ऐलान किया है। पीएम मोदी ने आज सुबह 10 बजे देश की जनता को संबोधित कर कहा कि, अगले एक सप्ताह में कोरोना से लड़ाई को और भी ज्यादा गंभीरता से लिया जाएगा। इस दौरान हर कस्बे, हर थाने, हर जिले, हर राज्य को परखा जाएगा। पीएम मोदी ने अंत में देशवासियों से 3 मई तक 7 खास बातों पर ध्यान देने का आग्रह किया है।

बुजुर्गों का खास ध्यान रखें- पीएम मोदी ने लोगों से घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने की अपील की है। खासतौर पर उन लोगों का ख्याल रखने पर ज्यादा जोर दिया है जो पहले से ही किसी बीमारी के शिकार हों।

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सोशल डिस्टेंसिंग का रखें खास ख्याल- पीएम मोदी ने लोगों से कहा कि वे लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करें। घर में बने फेस मास्क का अनिवार्य रूप से पालन करें।

आयुष विभाग का निर्देश मानें- आयुष विभाग द्वारा जो निर्देश दिए जा रहे हैं उनका पूर्ण रुप से पालन जरूर करें।

Pm modi

आरोग्य सेतु मोबाइल एप- पीएम मोदी ने लोगों से यह भी कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने में मदद करने के लिए वे आरोग्य सेतु मोबाइल एप अपने स्मार्टफोन में जरूर डाउनलोड करें। दूसरों को भी ये एप डाउनलोड करने की सलाह दें।

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गरीब परिवारों की मदद- पीएम मोदी ने लोगों से आग्रह किया कि सभी गरीब परिवारों की मदद के लिए आगे आएं। उनकी भोजन की जरूरतों को पूरा करने में मदद करें।

कर्मचारियों के प्रति संवेदना- पीएम मोदी ने कंपनियों के मालिकों और बड़े व्यापारियों से भी निवेदन करते हुए कहा कि वे अपने यहां काम कर रहे कर्मचारियों के प्रति संवेदना रखें और ऐसी स्थिति में किसी को नौकरी से न निकालें।

कोरोना योद्धाओं का मनोबल बढ़ाएं- पीएम मोदी ने लोगों से कहा कि कोरोना से लड़ने वाले योद्धाओं जैसे कि डॉक्टर्स, नर्स, सफाईकर्मी या पुलिसकर्मियों का आदर-सम्मान करें। ये योद्धा ही देश को इन बुरे हालातों से निकाल सकते हैं।

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आपको बता दें कि, कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पीएम मोदी ने कुछ दिन पहले हर राज्य के सीएम से इस मामले को लेकर बात की थी, साथ ही उनसे पूछा था कि, इसके लिए हम और क्या कर सकते हैं। ऐसे में हर मुख्यमंत्री ने अपने राज्य की जानकारी देते हुए उन्हें सुझाव दिए थे। जिसको लेकर आज पीएम ने ये निर्णय लिया है। उनका कहना है कि, जो हालात इस समय और देशों में हो रहे हैं, वो यहां पैदा ना हो उसके लिए हमें ये अहम कदम उठाने पड़ेंगे। जिससे चलते हम इस पर जल्द से जल्द नियंत्रण पा सके। इसी को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। बता दें कि, इससे पहले ये लॉकडाउन 15 अप्रैल तक था। लेकिन स्थिति नियंत्रण में ना आने के कारण इस निर्णय को आगे बढ़ाना पड़ा।

कोरोना के मामले दिन पर दिन लगातार तेजी से बढ़ते जा रहे हैं, आए दिन किसी ना किसी राज्य का आकड़ा बढ़ रहा है। जिसके कारण समस्याएं और गंभीर होती जा रही है। साथ ही अर्थव्यवस्था पर भी काफी असर पड़ रहा है।

लॉकडाउन नहीं खुलने की स्थिति में अगर लोगों के पास रोजगार और आमदनी नहीं होगी तो फिर उस संकट से कैसे निपटेंगे।

इस पर वो सुझाव देते हैं कि गांवों से सामान उठाकर शहरों में बांटना चाहिए। सरकार के पास जो 50 मिलियन टन जो फूड स्टॉक है, उसे बाँटना चाहिए. ताकि लोगों को कहीं और न जाना पड़े और घरों से निकलना पड़े।

वो कहते हैं, “हमें अभी सबसे मूल बात पर ध्यान देना चाहिए कि किसी भी तरह से लोगों की जान बचे। पहले लोगों की जान बचाई जाए और उन्हें बुनियादी जरूरत की चीजें उपलब्ध कराई जाए। अर्थव्यवस्था तो बाद में भी संभल सकती है। ऐसे भी अर्थव्यवस्था इतनी जल्दी नहीं संभलने वाली।”

वो आगे कहते हैं, अभी उत्पादन 25 फीसदी भी नहीं है. अभी ग्रोथ रेट -75 का है, और अगर ये दो महीने ऐसे ही चला और उसके छह महीने बाद अर्थव्यवस्था संभलती भी है तो इस साल का सालाना वृद्धि दर -30 या -40 फीसदी होगा। इसलिए यह गहरे डेप्रेसिएशन का दौर है ना कि मंदी की तरह -1 या -2 फीसदी वाला. इसलिए इससे उबरने में सालों लगने वाले हैं. 3-4 साल से पहले अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर नहीं आने वाली।