राज्स्थान सरकार का बड़ा फैसला, सरकारी दस्तावेजों में से हटाई जाएगी दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर

by Mahima Bhatnagar
ashok ghelot

नई दिल्ली। म.प्रदेश में हर महीने काम शुरू करने से पहले वंदे मातरम गाने की परंपरा पर चल रहा बवाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं राजस्थान सरकार ने एक और आदेश जारी कर किया है। उन्होंने कहा है कि, पंडित दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर किसी भी सरकारी दस्तावेजों में नहीं लगाई जाएगी। उसकी जगह अब राष्ट्रीय चिन्ह अशोक चक्र को दी जाएगी।

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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई में 29 दिसंबर को हुई कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक राज्य के सभी राजकीय विभागों, निगमों, बोर्ड और स्वायत्तशासी संस्थाओं के लेटर पैड पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर का लोगो के रुप में इस्तेमाल करने के संबंध में 11 दिसंबर, 2017 को पूर्व की वसुंधरा सरकार द्वारा जारी आदेश को वापस ले लिया गया है। कैबिनेट के इस आदेश को सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, डिविजनल कमिश्नर, जिला कलेक्टर और विभागों के मुखियाओं को जारी किया गया है।

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बता दें कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार आने के बाद कई योजनाओं और जगहों को एकात्म मानववाद और पार्टी के वैचारिक प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम कर दिया गया था। इसमें उत्तर प्रदेश के मुगलसराय स्टेशन का बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय किया जाना काफी चर्चा में रहा।

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गौरतलब है कि राजस्थान में पूर्व की सरकारों की योजनाओं के नाम बदलने का मामला पहले भी सामने आता रहा है। इससे पहले कांग्रेस ने अपने पिछले कार्यकाल में राजस्थान में मुफ्त दवा योजना शुरू की थी। लेकिन पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने इसकी जगह भामाशाह योजना शुरू कर दी।