न सीमेंट, न लोहा, जानिए किस तरह होगा राम मंदिर का निर्माण

by Mahima Bhatnagar
Ram mandir

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है। देश की सबसे बड़ी अदालत ने अयोध्या की विवादित जमीन पर रामलला के होने का हक मान लिया है। वहीं मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया है। जैसे ही इस मामले का फैसला सुनाया गया, तभी से राम मंदिर के निर्माण की चर्चा शुरू होने लगी। हर किसी के जहन में सिर्फ एक ही बात कैसे बनेगा राम मंदिर, इसके निर्माण के लिए कहां से आएगा पत्थर।

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पहले से ही तैयार था राम मंदिर का डिजाइन

आपको बता दें कि, राम मंदिर के निर्माण का डिजाइन 1989 में ही तैयार कर लिया गया था। इसका डिजाइन तैयार करने वाले शिल्पकार चंद्रकांत सोमपुरा ने बताया कि, अयोध्या में राम मंदिर किस तरह तैयार किया जाएगा। यह मंदिर प्रसिद्ध नागर शैली के आधार पर तैयार किया जाएगा। जिसमें काफी समय लगेगा।

ram mandir

नागर शैली क्या है

नागर शेली उत्तर भारतीय हिंदू स्थापत्य कला की तीन में से एक शैली है। जिसको ध्यान में रखते हुए इस नक्शे की रूपरेखा तैयार की गई है। वास्तुशास्त्र के अनुसार, नागर शैली के मंदिरों की पहचान आधार से लेकर सर्वोच्च अंश तक इसका चतुष्कोण होना है।

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नागर शैली की क्या हैं विशेषताएं

नागर शैली की दो विशेषताएं हैं, इसकी विशिष्ट और विमान। जिसके कारण इसका पूर्ण आकार तिकोना हो जाता है। जिससे मंदिर भव्य और सुंदर दिखाई देता है।

Ayodhya

मंदिर के सबसे ऊपर शिखर होता है, जिसे रेखआ शिखर भी कहते हैं, मंदिर में दो भवन भी होते हैं, एक गर्भगृह और दूसरा मंडप। गर्भगृह को ऊंचा रखा जाता है, और मंडप को छोटा। गर्भगृह को इसलिए ऊंचा रखा जाता है क्योंकि इसमें घंटाकार की संरचना की जाती है। इससे मंदिर की उंचाई भी बढ़ जाती है।

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मंदिर निर्माण के लिए 10 करोड़ देगा महावीर ट्रस्ट

पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव किशोर कुणाल ने राम मंदिर निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि हर साल दो करोड़ रुपये 5 साल तक दिए जाएंगे। इससे निर्माण कार्य में मदद मिलेगी, और मंदिर जल्द से जल्द तैयार हो जाएगा। साथ ही उन्होंने बताया कि अभी प्रशासनिक बंदिशों के कारण केवल दिन में ही भोजन करवाया जा रहा है। आने वाले समय में रात में भी भोजन परोसा जाएगा। वहीं, निखिल तीर्थ समिति के सचिव किशोर कुणाल ने बताया कि 5 वर्ष पूर्व अमावा मंदिर के शिखर पर बाल रूप रामलला की प्रतिष्ठा का संकल्प लिया गया था। इसके लिए आधार रूपी सिंहासन बनाकर टफेन ग्लास की पारदर्शी दीवार भी खड़ी कर दी गई है, जल्द वहां रामलला विराजेंगे।

ram

निर्माण कार्य को लेकर हर कोई बहुत उत्साहित दिखाई दे रहा है। जबसे फैसला आया है हर किसी का सिर्फ एक ही सवाल है, मंदिर जल्द से जल्द बनकर तैयार हो जाए, ताकि रामलला के दर्शन कर सके।