मायावती और तेजस्वी की मुलाकात के ये हैं मायने!

by Mahima Bhatnagar
mayawati

नई दिल्ली। यूपी में सपा और बसपा के गठबंधन की घोषणा के बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मायावती से रविवार देर रात मुलाकात कर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी। तेजस्वी यादव सोमवार को अखिलेश यादव से भी मुलाकात किया। दोनों नेताओं से तेजस्वी की मुलाकात महज औपचारिक नहीं बल्कि इसके पीछे तीनों राजनीतिक दलों का सियासी मकसद भी छिपा हुआ है। सपा-बसपा गठबंधन के जरिए आरजेडी यूपी में एंट्री करना चाहती है तो वहीं अखिलेश और मायावती की निगाहें भी बिहार पर है।

इसे भी पढ़ें: 15 जनवरी को बिहार में कांग्रेस करेगी दही-चुड़ा का आयोजन, महागठबंधन के इन प्रमुख नेताओं को मिला न्योता

तेजस्वी यादव और मायावती के बीच करीब डेढ़ घंटे की मुलाकात हुई। सूत्रों की मानें तो इस दौरान तेजस्वी यादव और बसपा अध्यक्ष के बीच बिहार में महागठबंधन को लेकर बातचीत हुई। इस दौरान तेजस्वी ने उन्हें बिहार में महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया। हालांकि उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमारे साथ हैं और अगर आप भी इसके हिस्सा बने तो हमारे लिए काफी बेहतर रहेगा।

इसे भी पढ़ें: जानिए कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति और क्या करें दान

आरजेडी नेता ने बसपा के लिए बिहार में 1 से दो सीटें देने की रजामंदी भी दिखाई। हालांकि तेजस्वी ने कहा कि इसके बदले आरजेडी के उम्मीदवार को कैराना उपचुनाव के मॉडल पर चुनाव लड़ाया जाए, यानी आरजेडी उम्मीदवार को सपा-बसपा गठबंधन अपने चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ाए। इसके लिए आरजेडी ने यूपी की एक लोकसभा सीट पर अपनी दावेदारी बता दी है।

इसे भी पढ़ें: दिल्ली से बिहार जा रही इस ट्रेन में पड़ी डकैती, लाखों का माल के लेकर भागे बदमाश

तेजस्वी यादव की सोमवार को अखिलेश यादव से मुलाकात होनी है। आरजेडी बिहार में जहां बीएसपी को एक से दो सीटें देना चाहती है वहीं सपा के लिए भी अपना बड़ा दिल दिखा रही है। जिस प्रकार यूपी में आरजेडी का उम्मीदवार गठबंधन से चुनाव लड़ेगा, वैसे ही सपा उम्मीदवार को आरजेडी अपने टिकट पर चुनाव लड़ा सकती है।