नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर 64 दिनों से प्रदर्शन जारी है। पहले ये प्रदर्शन हिंसक रूप में हुआ अब ये प्रदर्शन शांतिपूर्वक तरीके से शाहीन बाग में किया जा रहा है। लेकिन प्रदर्शन कितना भी शांतिपूर्ण हो दिक्कतें तो होती ही हैं। इस प्रदर्शन को खत्म कराने और कालिंदी-कुंज-शाहीन बाग सड़क को खुलवाने के लिए की गई कोशिश कई बार नाकाम रही है। जिसके बाद अब इस मामले की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में होगी। जिसको लेकर कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा था।
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मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार इस मुद्दे पर अपना जवाब सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर सकती है। वहीं शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रही महिलाएं भी सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखने की पूरी तैयारी कर चुकी हैं। आपको बता दें कि, रविवार को शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए पैदल मार्च निकालने के लिए जुटे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें आधे रास्ते में ही रोक लिया और आगे जाने की इजाजत नहीं दी।
प्रदर्शन कर रही महिलाएं भी कोर्ट में रखेंगी अपना पक्ष
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शाहीन बाग प्रदर्शन हर कोई हर दिन इसी की बात करता है। कोई कहता है प्रदर्शन हित के लिए हो रहा है, तो कोई इस प्रदर्शन का विरोध करता नजर आता है। लेकिन कोई विरोध करे या पक्ष ले, वहां पर बैठी महिलाएं तब तक नहीं हटेगी जबतक फैसला पक्ष में नहीं आता। इसी हक को पाने के लिए आज वो कोर्ट में अपना पक्ष रखने जा रही हैं।
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64 दिनों से जारी प्रदर्शन
शाहीन बाग प्रदर्शन जारी… शाहीन बाग प्रदर्शन जारी करीब 64 दिनों से बस यही सुनाई दे रहा है। वहां बैठी महिलाएं हमेशा ये कहती नजर आती हैं कि, कसम खा कर बैठे हैं, जब तक नागरिकता कानून वापस नहीं होगा हम यहां से नहीं हटेंगे। जब तक एनपीआर लागू ना करने और एनआरसी ना लाने पर मोदी सरकार भरोसा नहीं देती, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा।
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अब देखना ये होगा कि, क्या मोदी सरकार अपना फैसला बदलेगी, या फिर ये प्रदर्शन ऐसे ही जारी रहेगा। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट इसपर आज निर्णय ले सकता है। अब वो निर्णय किसके हित में जाएगा इसको लेकर थोड़ा इतंजार सबको करना पड़ेगा।