आर्टिकल 370 क्या है, इसको हटाने पर भारत तथा जम्मू और कश्मीर राज्य पर क्या असर पड़ेगा

by Upasana Verma
Article 370

सोमवार को मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर राज्य को आर्टिकल 370 के तहत मिलने वाला स्पेशल दर्जा हटा दिया गया। गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू और कश्मीर का स्पेशल दर्जा हटाने की मांग राज्य सभा में रखी थी। सोमवार को उप्पेर हाउस ने 125 वोटों के साथ जम्मू और कश्मीर में आर्टिकल 370 के साथ रीआर्गेनाईजेशन बिल 2019 पास किया। इस रीआर्गेनाईजेशन बिल 2019 के तहत जम्मू और कश्मीर का स्पेशल दर्जा हटाने के साथ जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया है। जम्मू और कश्मीर विधान-मंडल के साथ तथा लद्दाख विधान-मंडल के बिना केंद्र शासित प्रदेश बनेगा।

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इस नियम को जानने से पहले यह जानना ज़रूरी है की आर्टिकल 370 क्या है? भारतीय संविधान के आर्टिकल 370 के तहत जम्मू और कश्मीर प्रांत को अस्थायी स्पेशल दर्जा दिया गया था। इसके तहत भारतीय संसद जम्मू कश्मीर में रक्षा विदेशी मामले और संचार से संबंधित निर्णय ले सकती है परन्तु अन्य विषयों पर निर्णय लेने के लिए भारतीय संसद को राज्य सरकार से अनुमति लेनी पड़ती थी। इस विशेष दर्जे के कारण राज्य का अपना अलग झंडा होता था तथा वहां के लोगों को दोहरी नागरिकता प्राप्त होती थी। इस दर्जे के तहत देश के अन्य नागरिक जम्मू और कश्मीर में ज़मीन नहीं ख़रीद सकते थे और इसी दर्जे के तहत इस राज्य में वित्तीय आपातकालीन की घोषणा नहीं की जा सकती थी।

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मोदी सरकार द्वारा इस आर्टिकल को हटाने पर जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में भारत के अन्य राज्यों की तरह नियम और कानून लागू होंगे। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा इशू किये गए कंस्टीटूशन आर्डर 2019 के तहत भारत के शक्तियों को जम्मू और कश्मीर तक बढ़ाते हुए इस राज्य के स्पेशल दर्जे को हटा दिया गया है। इस नियम को लागू करने से जम्मू और कश्मीर में किसी अलग झंडे का इस्तेमाल नहीं किया जायेगा भारत के अन्य नागरिक इस प्रदेश में भूमि ख़रीद सकते हैं अन्य राज्यों की तरह इस प्रदेश में अल्पसंख्यकों को आरक्षण दिया जायेगा और राज्य विधानसभा की अवधि घटा कर 5 साल कर दी जाएगी।

मोदी सरकार के इस निर्णय पर कई लोगों ने सपोर्ट किया तो कुछ लोगों ने विरोध भी किया। बॉलीवुड सेलिब्रिटीज भी इस निर्णय के सपोर्ट में सामने आये।