कोरोना: रेमडेसेविर कितनी जरूरी, RT-PCR में भी क्यों नेगेटिव आ रहा टेस्ट?

by Mahima Bhatnagar
Corona cases

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस का संकट तेज़ी से फैल रहा है और हर दिन नया रिकॉर्ड बन रहा है। बीते तीन दिनों से भारत में हर रोज़ ढाई लाख से ज्यादा कोरोना के मामले रिपोर्ट हो रहे हैं। ऐसे में अस्पतालों में बेड्स की कमी है, ऑक्सीजन नहीं है और भी कई संकट है। ताजा लहर के बीच देश कैसे इस महामारी का मुकाबला करें, इसपर एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने जानकारी दी, उन्होंने कहा कि कोरोना के मामलों में कमी लाना अब बेहद जरूरी है।

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दिल्ली के एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कोरोना संकट के ताजा हालात को लेकर कहा कि देश में स्थिति इस वक्त काफी गंभीर है, दिल्ली में हर रोज़ रिकॉर्ड टूट रहा है। अब देश में बेड्स, ऑक्सीजन प्वाइंट्स और वेंटिलेटर की जरूरत पड़नी है। रणदीप गुलेरिया बोले कि हमें दो मोर्चों पर लड़ना है, अस्पतालों, बेड्स की संख्या बढ़ानी होगी और केस की संख्या कम करनी होगी।

डॉक्टर ने कहा कि अगर इस तरह केस बढ़ते रहे, तो हेल्थ केयर सिस्टम ये मैनेज नहीं कर पाएगा। इसलिए टेस्टिंग, ट्रैकिंग पर जोर देना होगा, कंटेनमेंट जोन बनाना होगा ताकि भीड़ इकट्ठी ना हो। अब ये वायरस आग की तरह फैल रहा है, इसलिए इसे रोकना काफी ज़रूरी है। 

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RT-PCR टेस्ट भी नहीं पकड़ रहा कोरोना?

RT-PCR टेस्ट सिर्फ 80 फीसदी तक सही नतीजा दिखा सकता है, ऐसे में 20 फीसदी ऐसे भी हैं, जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव है। इसके अलावा जो स्वैब लेने की तकनीक है, उस पर भी ध्यान देने की ज़रूरत है। अगर आपमें कोविड जैसे लक्षण दिख रहे हैं, तो आप मानकर चलें कि आपको कोरोना है और उसके हिसाब से ही एक्शन लें।

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