चुनाव आयोग को राहुल गांधी का जवाब- नहीं तोड़ी आचार संहिता

by Madhvi Bansal
Rahul gandhi election

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से कहा है कि उन्होंने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया जब उन्होंने दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने एक सख्त कानून बनाया था जिससे सभी प्रकार की गलत गतिविधयों को रोका जाये और अवैधिक कार्यों का पता लगाया जा सके ।

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राहुल गांधी का बयान

राहुल गांधी ने पोल पैनल को बताया कि उन्होंने अपने भाषण के दौरान एक सरल भाषा में भारतीय वन अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन को संक्षेप में प्रस्तुत करने की कोशिश की थी।

राहुल ने कहा कि, उनके शब्दों का हिंदी में “एक राजनीतिक भाषण के मुक्त प्रवाह” में इस्तेमाल किया गया था और “भ्रामक और गैर-मौजूद तथ्यों को गलत बताने” का कोई इरादा नहीं था।

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उन्होंने दावा किया कि उनके भाषण के दौरान उनके द्वारा आदर्श आचार संहिता का कोई उल्लंघन नहीं हुआ था और उनकी आलोचना मोदी सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों व कार्यों तक ही सीमित थी।

बयान का परिणाम और उनके द्वारा चुनाव की नयी परिभाषा

कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि उनके खिलाफ भाजपा ने केवल लोकसभा चुनावों में प्रचार करने से बचने के लिए शिकायत दर्ज की थी क्योंकि वह एक राजनीतिक पार्टी के प्रमुख हैं और इसके स्टार प्रचारक भी हैं।

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राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से कहा कि चुनाव एक “लोकप्रिय इच्छा की अभिव्यक्ति” है और “चुनाव की वस्तु प्राप्त नहीं की जा सकती है” जब तक कि अपन विचारों को सामने रखने की अनुमति नहीं होती है तब तक इस लोक तंत्र में एक साधारण इंसान अपनी प्रस्ताव को कैसे रख पायेगा । इसीलिए ये कानून सख्त करना उचित रहेगा । राहुल गांधी ने कहा कि उनके द्वारा की गई टिप्पणी वर्तमान राजनीतिक बयानबाजी का हिस्सा है, जो भाजपा की “आदिवासी विरोधी नीतियों” तक ही सीमित है। कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने जवाब के साथ साक्ष्य के रूप में इस मुद्दे से संबंधित दस्तावेजों का एक सेट भी प्रदान किया।