नए साल में होने वाले हैं ये बदलाव

by Mahima Bhatnagar
New year rules changes

नई दिल्ली। 1 जनवरी 2021 की शुरूआत आप सबके लिए बहुत शुरू और अच्छी हो। लेकिन आज हम आपको ये बताएंगे की 1 जनवरी आते ही आपके रहन-सहन पर क्या असर सरकार की ओर से पड़ने वाला है, तो चलिए जानते हैं 1 जनवरी से लागू होने वाले नए नियमों के बारे में।

कॉन्टैक्टलेस पेमेंट की लिमिट में बढ़ोतरी

कोविड19 के शुरू होने के बाद देश में डिजिटल पेमेंट के चलन में तेजी आई है। सरकार, RBI (Reserve Bank of India) और बैंकों की ओर से लोगों को डिजिटल और कॉन्टैक्टलेस पेमेंट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने की सलाह कई बार दी जा चुकी है। कॉन्टैक्टलेस पेमेंट का एक जरिया कॉन्टैक्टलेस कार्ड पेमेंट भी है। लोग कॉन्टैक्टलेस कार्ड पेमेंट की मदद से ज्यादा अमाउंट में और आसानी से ट्रांजेक्शन कर सकें, इसके लिए MPC की बैठक में कॉन्टैक्टलेस कार्ड ट्रांजेक्शन की लिमिट को बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन करने का फैसला किया गया है। अभी यह लिमिट 2000 रुपये है। यह बढ़ी हुई लिमिट 1 जनवरी 2021 से लागू होगी।

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चेक से भुगतान

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कुछ दिनों पहले चेक से पेमेंट करने के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम लागू करने का फैसला किया है। इस नए नियम के तहत 50,000 रुपये से अधिक के पेमेंट पर जरूरी डीटेल को फिर से कंफर्म करने की जरूरत होगी। चेक से पेमेंट करने का यह नया नियम 1 जनवरी 2021 से लागू हो जाएगा। RBI के गवर्नर ने अगस्त में मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी यानी MPC की मीटिंग में इस बात का एलान किया था। आरबीआई ने ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पॉजिटिव पे सिस्टम लागू करने का फैसला किया है। इसका मकसद चेक का गलत इस्तेमाल रोकना है। इस सिस्टम से फर्जी चेक के जरिए होने वाले फ्रॉड को कम किया जा सकेगा।

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बाइक-कार की कीमतों में इजाफा

देश की लगभग सभी ऑटो कंपनियों ने 1 जनवरी से कीमतों में बढ़ोतरी करने का एलान किया है। इनमें सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया, हीरो मोटोकॉर्प, रेनॉ, होंडा कार्स इंडिया, टाटा मोटर्स, एमजी मोटर इंडिया और महिंद्रा एंड महिंद्रा शामिल हैं। इन कंपनियों ने 1 जनवरी से पैसेंजर और कमर्शियल वाहनों की कीमतें बढ़ाने की घोषणा की है। उनका कहना है कि इनपुट कॉस्ट में बढ़ोतरी से उनके लिए कीमतें बढ़ाना जरूरी हो गया है। प्रमुख दोपहिया निर्माता कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने भी बाइक-स्कूटर की कीमतों में वृद्धि का एलान किया है।

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फास्टैग होगा अनिवार्य

केंद्र सरकार ने टोल प्लाजा पर टोल कलेक्शन को आसान और सुरक्षित बनाने के साथ-साथ टोल पर लगने वाले लंबे जाम से निजात पाने के लिए सभी चौपहिया गाड़ियों के लिए 1 जनवरी से फास्टैग को अनिवार्य कर दिया है। लोगों की सुविधा के लिए टोल प्लाजा पर विभिन्न बैंकों के एजेंट व एनएचएआई की तरफ से काउंटर लगाए गए हैं। लोग अपने वाहन की आरसी व ड्राइविंग लाइसेंस अथवा आधार कार्ड दिखाकर हाथों हाथ फास्टैग खरीद सकते हैं। गत एक वर्ष से करीब 70 प्रतिशत वाहन फास्टैग की मदद से डिजिटली तरीके से टोल का भुगतान कर रहे हैं।

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ई-इनवॉइस प्रणाली

एक जनवरी से ही जीएसटी कानून के तहत 100 करोड़ रुपये से अधिक का टर्नओवर होने पर बी2बी (बिजनस टु बिजनस) भुगतान के लिए ई-इनवॉइस जरूरी होगा। इसके अलावा एक अप्रैल से सभी करदाताओं के लिए बी2बी भुगतना पर ई-इनवॉइस जरूरी होगा। नई प्रणाली मौजूता इनवॉइस व्यवस्था की जगह लेगी। जल्द ही ई-वे बिल की मौजूदा व्यवस्था खत्म हो जाएगी और करदाताओं को अलग से ई-वे बिल बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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म्यूचुअल फंड के लिए नियमों में बदलाव

म्यूचुअल फंड निवेश के नियमों में भी पहली जनवरी से बदलाव होने जा रहा है। निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। नए नियम लागू होने के बाद फंड का 75 फीसद हिस्सा इक्विटी में निवेश करना अनिवार्य होगा, जो फिलहाल 65 फीसदी है।

यूपीआई भुगतान

एनपीसीआई ने एक जनवरी से यूपीआई में प्रोसेस्ट ट्रांजेक्शन के कुल वॉल्यूम पर 30 फीसदी की सीमा लगाई है। यह प्रावधान सभी थर्ड पार्टी ऐप प्रदाता पर लागू होगा। इसके कारण ऐमजॉन, यूपीआई और फोनपे से भुगतान पर अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है। पेटीएम इस दायरे में नहीं है।

भरने होंगे चार बिक्री रिटर्न

सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के तहत छोटे करदाताओं के लिए तिमाही रिटर्न दाखिल करने और करों के मासिक भुगतान (क्यूआरएमपी) की योजना शुरू की है। ऐसे करदाता जिनका पिछले वित्त वर्ष में वार्षिक कारोबार पांच करोड़ रुपये तक रहा है और जिन्होंने अपना अक्टूबर का जीएसटीआर-3बी (बिक्री) रिटर्न 30 नवंबर, 2020 तक जमा कर दिया है, इस योजना के पात्र हैं। जीएसटी परिषद ने 5 अक्तूबर को हुई बैठक में कहा था कि 5 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले पंजीकृत लोगों को 1 जनवरी, 2021 से अपना रिटर्न तिमाही आधार पर दखिल करने और करों का भुगतान मासिक आधार पर करने की अनुमति होगी। इससे 94 लाख छोटे कारोबारियों को राहत मिलेगी।