तितली चक्रवात का कहर, आंध्र प्रदेश में 8 की मौत, ओडिशा में भारी नुकसान

by Mahima Bhatnagar

नई दिल्ली। तितली तूफान ने गुरुवार को देश के पूर्वी तट पर अपना रौद्र रूप दिखाया। जिसके कारण आंध्र प्रदेश में आठ लोगों की मौत हो गई। वहीं ओडिशा में बड़े पैमाने पर तबाही मची है। हालांकि वहां किसी की जान नहीं गई है। तूफान के कारण इन राज्य में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए, यहां तक की जो लोग झोंपड़ीनुमा में रहते थे उनके घर भी पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं।

इसे भी पढ़ें: पटना में कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार पर युवक ने फेंकी चप्पल, गिरफ्तार

भारतीय मौसम विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चक्रवात ‘तितली’ आंध्र प्रदेश में श्रीकाकुलम जिले में पलासा के पास ओडिशा में गोपालपुर के दक्षिण-पश्चिम तट पर सुबह साढ़े चार और साढ़े पांच बजे के बीच पहुंचा। चक्रवात के साथ 140-150 किलोमीटर से 165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली।

इसे भी पढ़ें: दिल्ली ट्रिपल मर्डर केस: बेटे ने रची थी मां-बाप और बहन की हत्या की साजिश

आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) ने बताया कि चक्रवात से सामान्य जनजीवन ठप हो गया। इसने श्रीकाकुलम और विजयनगरम में भारी तबाही मचाई जहां बुधवार देर रात से भारी से बहुत भारी बारिश हो रही है। तूफान से संबंधित अलग-अलग घटनाओं में आठ लोगों की मौत हो गई। एसडीएमए ने बताया कि गुडिवाडा अग्रहारम गांव में 62 वर्षीय एक महिला के ऊपर पेड़ गिरने से उसकी मौत हो गई और श्रीकाकुलम जिले के रोतनासा गांव में एक मकान गिरने से 55 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि समुद्र में गए छह मछुआरों की भी मौत हो गई।

इसे भी पढ़ें: बिहार में दिखाई देगा तूफान का असर, तेज हवा के साथ बारिश के आसार

मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि पूर्वी गोदावरी जिले में काकीनाडा से पिछले कुछ दिनों में समुद्र में गईं मछली पकड़ने वाली 67 नौकाओं में से 65 सुरक्षित तट पर लौट आईं। विज्ञप्ति में बताया गया है कि शेष दो नौकाओं को सुरक्षित वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। श्रीकाकुलम जिले में सड़क नेटवर्क को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है। बिजली वितरण नेटवर्क भी काफी प्रभावित हुआ है। तेज हवाएं चलने से 2,000 से ज्यादा बिजली के खंभे उखड़ गए। पूर्वी बिजली वितरण कंपनी ने कहा कि श्रीकाकुलम जिले में 4,319 गांवों और छह शहरों में बिजली वितरण तंत्र प्रभावित हुआ। पेड़ों के उखड़ने से चेन्नई-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात भी बाधित हुआ।