क्या एकबार फिर करवट लेगी राजनीति?

by TrendingNews Desk

सच ही कहा गया है कि राजनीति संभावनाओं को खेल है इसमें ‘हां’ और ‘ना’ की संभावना हमेशा बनी रहती है| राजनीति में न तो कोई स्थायी दोस्त होता है और न ही कोई स्थायी दुश्मन| बस समय-समय की बात होती है| अगर संभावनाओं की ही बात करें तो संभव है कि एक बार फिर राजनीति अपनी करवट बदले| देश में जुलाई में राष्ट्रपति पद के चुनाव होने वाले हैं| इस चुनाव में मजबूत विपक्ष कैसे एक साथ खड़ा हो इसको लेकर सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी से मुलाकात कर विपक्षी एकता का बिगुल बजाया| नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की कोशिश रंग लायी और सोनिया गांधी ने सारे विपक्ष के नेताओं को चुनाव की रणनीति बनाने के लिए दिल्ली आने का निमंत्रण दिया| लेकिन एन वक्त पर नीतीश कुमार ने दिल्ली जाने से मना कर दिया| पार्टी की तरफ से जो औपचारिक बयान आया उसमें ये कहा गया कि नीतीश कुमार कार्यों में व्यस्तता के चलते दिल्ली नहीं जा पाएँगे| अगर इस बात को मान भी लिया जाए फिर भी राजनीत में कहीं न कहीं एक सवाल जरुर उठता है| अब एक नई संभावना ने फिर से राजनीतिक पंडितों को सोचने पर मजबूर कर दिया है, हालांकि जेडीयू की तरफ से अभी कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आयी है, और ना ही हामी है लेकिन कयास लगने जरुर शुरु हो गए हैं|
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री के सम्मान में एक भोज का आयोजन किया है और उस भोज में नीतीश कुमार को भी निमंत्रण भेजा है| मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उस भोज में शामिल होने के लिए शनिवार को दिल्ली जा रहे हैं| मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद्र जगन्नाथ अपने तीन दिवसीय दौरे पर दिल्ली पहुंच चुके हैं और उनके सम्मान में पीएम ने भोज का आयोजन किया है|

मुख्यमंत्री  ने अपने दिल्ली दौरे के बारे में किसी भी राजनीति को खारिज किया है और कहा है कि चूंकि मॉरीशस से बिहार का रिश्ता काफी पुराना है इसलिए वो इस भोज में शामिल होने जा रहे हैं|साथ ही उन्होंने कहा कि इस दौरे में वो प्रधानमंत्री से मुलाकात कर गंगा की अविरलता के बारे में भी बात करेंगे|
हालांकि इस भोज में शामिल होना ये भी दर्शाता है कि, मॉरीशस का बिहारी कनेक्शन बहुत पुराना है और इस लिहाज से नीतीश कुमार को निमंत्रण देना, और उनका भोज में शामिल होने में कहीं राजनीति न हो| लेकिन ये सब ऐसे समय होगा जब सोनिया की कोशिश में नीतीश कुमार का शामिल न होना, और पीएम के भोज में शामिल होना नई राजनीति की ओर इशारा तो करता ही है|