बिहार में बाढ़ का कहर, लोगों का जीवन हुआ अस्त-व्यस्त

by Mahima Bhatnagar

पटना। बिहार में मानसून की दस्तक के साथ-साथ बाढ़ का खतरा भी मंडराता दिखाई दे रहा है। नेपाल के जल ग्रहण वाले इलाकों में भारी बारिश के कारण वहां से निकलने वाली नदियां ऊफान पर हैं। जिसके कारण चंपारण से कोसी तक कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस आया है। बारिश के कारण अन्‍य क्षेत्रों में जल-जमाव के हालाता भी पैदा हो गए हैं। जिसके कारण लोगों का जन-जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है।

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बाढ़ के पानी में घिरे दर्जनों गांव 

मिली जानकारी के अनुसार पश्चिम चंपारण के दर्जनों गांव बाढ़ से घिर गये हैं। ओरिया पंडरी समेत सभी पहाड़ी नदियां लबालब हैं। गंडक का जलस्तर भी बढ़ गया है। दो दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण भी परेशानी बढ़ी है। बाढ़ का पानी गांवों में भरने लगा है। जिले के गौनाहा, मैनाटांड व सिकटा के कई दर्जन गांवों में बाढ़ घुस गई है। बारिश के कारण जगह-जगह जलजमाव भी हो गया है।

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मधुबनी जिले के लदनियां थाना क्षेत्र स्थित एनएच- 227 पर योगिया और पद्मा गांव के बीच बाढ़ का पानी आ गया है। डायवर्सन व पुल टूटने के कारण सड़क संपर्क भी भंग हो गया है। मालूम हो कि योगिया और पद्मा गांव के बीच धौरी नदी पर स्क्रू पाइलस पुल बना हुआ था, जिसके क्षतिग्रस्त होने के बाद तत्काल वाहन परिचालन को लेकर डायवर्सन बनाया गया था। धौरी नदी के पानी से डायवर्सन बह गया। लदनिया में सड़क कटाव के बाद एनएच-104 को भी बंद कर दिया गया है।

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